शनिवार, 13 अक्तूबर 2012

आपका ऐजेंडा क्या है नेता जी



पिछले दिनों जब पूर्व राज्य सभा सांसद व पत्रकार शाहिद सिद्दिक़ीने नरेंद्र मोदी का इंटरव्यू लिया था तो सपा ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया , उस वक्त भी मैंने यह सवाल उठाया था कि जब गुजरात के ब्रांड अंबेसेडर अमिताभ बच्चन की पत्नि जया बच्चन सपा से बाहर नहीं निकाली गई तो फिर शाहिद सिद्दिकी को ही क्यों बाहर निकाला गया मगर आपने शाहिद को बाहर निकाल कर तो उसके कार्य की सजा उन्हें दे दी मगर आप को सजा कौन दे आपके पास तो अपनी पार्टी सिंबल है आपको तो बस जनता ही सजा दे सकती है । जो 2014 में होने जा रहा है आपका मुस्लिम प्रेम इस तस्वीर में साफ दिखाई दे रहा है जिसमें आप उसी मोदी से हाथ मिला रहे हैं जिसका साक्षात्कार करने पर आपने शाहिद सिद्दिकी को बाहर का रास्ता दिखाया था । क्या शाहिद सिद्दिकी को निकालने का सपा पहले ही मसौदा तैयार कर चुकी थी क्योंकि शाहिद सिद्दिकी पहले सपा में थे फिर बसपा में गये वहां उन्होंने बिजनौर लोक सभा सीट से चुनाव लड़ा जिसमें हार का सामना करना पड़ा फिर लोकदल में आगये केवल इस गरज से कि उन्हें कोई ना कोई बड़ा पद मिल जायेगा लेकिन जब वहां भी दाल ना गली तो फिर से सपा का दामन थामा और यूपी चुनाव के दौरान सपा का खूब प्रचार किया । जब यूपी में सपा को बहुमत हासिल हो गया तो सपा को लगा कि अब शाहिद सिद्दिकी को राज्य सभा भेजना पड़ेगा जो सपा चाहती नहीं थी इसीलिये शाहिद को बकरा बनाना पड़ा । लेकिन आपका मुस्लिम प्रेम और मोदी प्रेम किसी से छिपा नहीं है । सपा ने कहने को आजम खान को वरीयता दी है लेकिन जो लाभ के पद थे जैसे शिक्षा मंत्रालय अखिलेश यादव ने अपने पास रखे ताकि इसमें आजम खाँ का कोई हस्तक्षेप ना रहे । यानी जो भी उर्दू अध्यापकों की भर्ती हो उसमें यादवों को ही ठूंसा जाये एसा ही सपा के पिछले शासनकाल में हुआ था जिन पर उर्दू लिखना तक नहीं आता था उन्हें उर्दू अध्यापक नियुक्त किया गया जो आज भी कार्यरत हैं । आपके मोदी से हाथ मिलाने किसी को आपत्ती नहीं मगर जब यही कार्य एक पत्रकार नेता करे तो आप उसे बाहर करें यह तो सरासर बेमानी है नेताजी है । आप कल्याण सिंह गोद में बैठे , आपने साक्षी महाराज को राज्य सभा भेजा । लेकिन फिर भी आप ढ़ोंग करते हैं कि सपा सेक्यूलर है भला कैसे क्या इस तरह कि कुंडा ( प्रताप गढ़ )में निशाना बनाकर मुसलामानों के साथ लूट पाट की गई जान व माल का नुकसान पहुंचाया गया लेकिन कार्रावाई किस पर हुई आप यह भी जानते होंगे । सपा के कद्दावर नेता आजम खाँ मेरठ में सरेआम शहर काजी की तोहीन करें और आपने उन पर कोई एक्शन नहीं लिया क्या ये है आपका मुस्लिम प्रेम व सैक्यूलरज्मि मायावती की मूर्ती टूटती है 24 घंटे में लग जाती है मगर मलियाना हाशिमपुरा के 1987 के दंगा पीड़ि आज भी न्याय की तलाश में कोर्ट कचहरियों के चक्कर लगा रहे हैं कमसे कम उनकी तो सुनी जाती । मगर नहीं आपको 2014 दिख रहा है यानी गोद के छोड़कर आप जो पेट में है उसकी आस लगाये बैठे हैं मगर पहले गोद वालो की तो हिफाजात करो अगर इनकी आप ठीक से हिफाजत कर पाये तो पेट का यानी 2014 भी सपा का होगा और अगर इसमें अगर कहीं पर चूक हुई तो आपसे उत्तर प्रदेश भी जाता रहेगा । आपने जिस मोदी का सहारा लेकर शाहिद को बाहर किया है उसी मोदी से आप गले मिलो इसे कोई भी सैक्यूलर इंसान बर्दाश्त नहीं करेगा ।